स्फटिक श्री यंत्र :
प्रतिदिन स्फटिक श्रीयंत्र के दर्शन मात्र से ही इसकी अद्भुत शक्तियों का लाभ मिलना शुरू हो जाता है, ऐसा पौराणिक शास्त्रों में उल्लेख है। अत: मनुष्य को चाहिए कि वे हर रोज स्फटिक श्रीयंत्र के दर्शन और पूजन का लाभ अवश्य लें। इतना ही नहीं नियमित मां महालक्ष्मी के मंत्र जाप करने अथवा शुक्रवार के दिन महालक्ष्मी और स्फटिक श्रीयंत्र का पूजन करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होकर अपने भक्तों को अद्भुत शक्तियां और अपार धन देती है।
स्फटिक श्री यंत्र के लाभ :
श्री यंत्र स्थापना विधि :
शुक्रवार को श्रीयंत्र की स्थापना करने के लिए सबसे पहले प्रातकाल स्नानादि से निवृत्त होकर साफ-सुथरे कपड़े पहनकर और श्रीयंत्र को लाल कपड़े में स्थापित करें और गंगाजल या कच्चे दूध से स्नान कराएं। तत्पश्चात श्री यंत्र में लाल चंदन, लाल फूल और अक्षत चढ़ाएं। श्री यंत्र के बीज मंत्र “ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं नम:” या “ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्री ह्रीं श्री ॐ महालक्ष्म्यै नम:” मंत्र का जाप करें। श्री यंत्र से हाथ जोड़कर प्रार्थना करें कि वह अधिक से अधिक शुभ फल प्रदान करें। तत्पश्चात, श्री यंत्र को स्थापित करने के बाद इसे नियमित रूप से धोकर इसकी पूजा करें ताकि इसका प्रभाव कम ना हो।
नियम एवं शर्तें -
1- यंत्र स्फटिक का बना हुआ है.
2- यंत्र की साइज़ ऊंचाई लगभग 1.5 (डेढ़) इंच एवं तल की मोटाई लगभग 3/4 (पोन) इंच है.
3- यंत्र का वजन 12 से 15 ग्राम है.
4- डिलीवरी शुल्क सम्मिलित है.
5- डिलीवरी 5-7 कार्य दिवसों में होगी.