पुखराज :
पुखराज गुरु- बृहस्पति ग्रह का प्रतिनिधि रत्न है। धारक के गुरु-ग्रह से संबन्धित सभी दोष शांत हो जाते है। धनु राशि वालों के लिये पुखराज धारण करना अत्यन्त शुभ फलदायक होता है।
पुखराज के धारण करने से व्यापार तथा व्यवसाय में अभूतपूर्व बढ़ोतरी होती है। पुखराज को देवताओं के गुरु- बृहस्पति जी का प्रतीक माना जाता है।
यदि कन्या के विवाह में देरी हो रही हो तो कन्या को पुखराज धारण करने से विवाह सुलभ हो जाता है। पति-पत्नी में आपस में प्रेम पैदा करता है। एवं गृहस्थ जीवन की उलझनों को मिटाता है।
धारण विधि –
पुखराज रत्न सोने की अंगूठी में जड़वाकर तर्जनी ऊँगली में धारण करे. स्वर्ण या ताम्र बर्तन में कच्चा दूध, गंगाजल, पीले पुष्प से एवं गुरु के बीज मंत्र के जप द्वारा अभिमंत्रित करके धारण करना चाहिए ।
गुरु का बीज मंत्र –
ॐ एं क्लीं बृहस्पतये नमः
नियम एवं शर्तें -
1- पुखराज लैब द्वारा प्रमाणित रहेगा.
2- डिलीवरी शुल्क सम्मिलित है.
3- डिलीवरी 5-7 कार्य दिवसों में होगी.